
बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नज़दीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे नेताओं के भाषणों में ड्रामा और डायलॉग दोनों बढ़ते जा रहे हैं।
इसी कड़ी में मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने औरंगाबाद के गोह में रैली की और विपक्षी महागठबंधन पर तीखा हमला बोला।
नड्डा ने कहा — “महागठबंधन सत्ता का नहीं, विनाश का गठबंधन है। बिहार के लोगों ने जंगलराज देखा है, अब वे उसे लौटते नहीं देखना चाहते।”
उनके इस बयान के साथ भीड़ में “डबल इंजन सरकार ज़िंदाबाद” के नारे गूंज उठे।
“महागठबंधन का इतिहास विनाशकारी”: नड्डा का अटैक मोड
जेपी नड्डा ने तेजस्वी यादव को सीएम पद का चेहरा बनाए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि राजद और कांग्रेस के पुराने दिन किसी को नहीं भूले।
उन्होंने कहा — “वो दौर था जब डर, अराजकता और भ्रष्टाचार का बोलबाला था। सड़कों पर विकास नहीं, लूटमार चलती थी। अब वही लोग फिर से सत्ता का सपना देख रहे हैं।”
नड्डा का कहना था कि महागठबंधन ‘अपवित्र गठबंधन’ है, जो सिर्फ सत्ता के लिए बना है, जनता के लिए नहीं।
“डबल इंजन सरकार ही बिहार को आगे ले जाएगी”
रैली में नड्डा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोड़ी को ‘विकास का इंजन’ बताया। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था से लेकर सड़कों और शिक्षा तक, बिहार में बदलाव दिखता है — “नीतीश जी ने ज़मीन पर काम किया और मोदी जी ने हर गरीब तक लाभ पहुँचाया। यही है असली सुशासन।”

फिर जनता की ओर मुड़कर बोले — “बिहार का इंजन चल रहा है, बस उसे रोकने मत देना!”
इस चुनावी मौसम में ‘विकास बनाम विनाश’ का नारा खूब चलने वाला है। जहाँ एक तरफ नड्डा बिहार को “देश का अग्रणी राज्य” बनाने का सपना दिखा रहे हैं, वहीं विपक्ष अब भी “सपनों की सरकार” के पुराने ट्रेलर चला रहा है।
क्या बिहार की जनता डबल इंजन पर भरोसा रखेगी या फिर रिवर्स गियर में जाएगी — ये तो वोटिंग मशीन ही बताएगी!
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